BREAKING : जांजगीर जेल में बंदीयो की पारिश्रमिक राशि 40 लाख का घोटाला…जांच अधिकारी जेल पहुंचकर खंगालें पीड़ित पक्षो के दस्तावेज…

जांजगीर चांपा। छत्तीसगढ़ की जेलो मे बंद बंदीयो की परिश्रमिक राशि में कटौती कर पीड़ितो को मिलने वाली आधी रकम मे करोड़ो रूपए का घोटाला हुआ है. घोटले में जांजगीर के जिला जेल से भी 40 लाख की घोटाला सामने आया है। घनश्याम प्रसाद जांगडे और जनार्दन ने मिलकर जनार्दन प्रिजनस वेलफेयर सोसाइटी नाम से एनजीओ बनाया और जेल अफसरो से मिलीभगत कर पीडित परिवारों के नाम पर चेक बनाकर पारिश्रमिक की राशि डकारने का काम किया गया है। यही नही 4 साल तक दोनो ने पुलिस थानो की फर्जी सील बनाकर जेल प्रशासन को रिसीविंग भी दी। बकायदा चेक का भुगतान कराने फर्जी बैंक अकाउंट भी खुलवा रखा था। जेल प्रशासन की ओर से जांच करने पर राज्यभर के पांच सेंट्रल जेल एवं कई जिला जेलों मे एक करोड़ 8 लाख रूपए की पारिश्रमिक राशि का डकारने का घोटाला फुटा है। फिलहाल बिलासपुर, कवर्धा समेत 4 जेलो मे ंघोटाले क सबूत मिले है। जशपुर क तपकरा थाने मे उप अधीक्षक जेल एवं प्रहरी के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज होने साथ ही जेल प्रशासन और पुलिस विभाग ने घोटाले के जांच की रफतार बढ़ा दी है जल्द ही और जिलो में एफआईआर दर्ज होगी। इस मामले में जिला जेल जंजगीर के सहायक जेलर अधिक्षक साहू का कहना है सजायापता बंदीयो की प्रतिकर की 50 प्रतिशत राशि पिडितो को प्रदान की जाती है। यह सन् 2015 -16 का मामला है . हाल ही में 7 अक्टुबर 2019 को में जांच के लिए केन्द्रीय जेल से टीम आया था, और पिडित पक्षो का दस्तवेजो की मांग की गई थी जो हम उपलब्ध करा दिये है . मामले की जांच चल रही है।

कैसे अंजाम देते थे…

साल 2014 मे जनार्दन प्रिजनस वेलफेयर सोसाइटी का रजिस्टेशन कराया और जेल अफसरो से मिलीभगत कर खुद ही पारिश्रमिक के चेक लेने लगे। इस दौरान पीडितो से संबंधित पुलिस स्टेशन की फर्जी सील लगाकर रिसीविंग देते थे। फर्जी बैंक अकाउंट खोलकर चेक जमाकर भुगतान करा लेते थे।