सुरक्षा एजेंसी : 15 अगस्त मे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जान को खतरा…

  • बुलेटप्रूफ इनक्लोजर से भाषण देने की सलाह
  • स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप्स और खुफिया एजेंसियों ने दी सलाह
  • नैशनल सिक्यॉरिटी अडवाइजर अजीत डोभाल से भी की बातचीत

नई दिल्ली

हर वर्ष की तरह इस बार भी स्वतंत्रता दिवस से पहले सुरक्षा की तैयारियां युद्द स्तर पर की जा रही है। लेकिन स्वतंत्रता दिवस मे लाल किले से होने वाले भाषण के लिए इस बार सुरक्षा एजेसिंयों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बुलेटप्रूफ इनक्लोजर से भाषण देने की सलाह दी है। इस मामले को लेकर स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप्स और खुफिया एजेंसियों ने नैशनल सिक्यॉरिटी अडवाइजर अजीत डोभाल से भी बातचीत की है । इस बाबत आज अंग्रेजी अखबार द टाइम्स ऑफ इंडिया में खबर छपी है कि प्रधानमंत्री उनकी सलाह को अनदेखा नहीं करेंगे क्योंकि इस बार खतरे की आशंका बहुत ज्यादा है ।

अखबार में एक खुफिया रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि 15 अगस्त के मौके पर आतंकी संगठन किसी भी हद तक जा सकते हैं. 15 अगस्त के दिन एसपीजी, एनएसजी समेत दूसरी एजेंसियों को हाई अलर्ट पर रहने को कहा गया है। राजधानी दिल्ली को सुरक्षा किले में तब्दील किया जाएगा ताकी कोई परिंदा भी पर न मार सके।

अगर, पीएम मोदी सुरक्षा एजेंसियों की सलाह मान लेते हैं तो ऐसा पहली बार होगा जब वे सुरक्षा घेरे में रहकर स्वतंत्रता दिवस के कार्यक्रम में शिरकत करेंगे। आपको बता दें कि पिछले साल और उससे पहले भी इसी तरह की व्यवस्था सुरक्षा एजेंसिंयों के द्वारा की गई थी । लेकिन, पीएम मोदी ने अचानक खुले मंच से भाषण देने की इच्छा जतायी थी।  पीएम की इस इच्छा को ध्‍यान में रखते हुए बुलेटप्रूफ सुरक्षा कवच को हटा भी लिया गया था ।

पीएम मोदी की सुरक्षा के लिए लाल किले के कुछ खास जगहों पर सुरक्षा दस्तों से जुड़े लोगों की तैनाती की गयी थी, ताकि किसी भी तरह की अप्रिय घटना को रोका जा सके. एक वरिष्ठ अधिकारी की माने तो, यह फैसला कश्मीर में व्याप्त तनाव और सीमा पर घुसपैठ के अलावा हाल के दिनों में आईएस की गतिविधियों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।  खुफिया एजेंसियों को कुछ ऐसी बातचीत का रिकॉर्ड मिला है, जिसमें भाषण के दौरान पीएम पर ड्रोन से निशाना बनाने के संबंध में बातचीत है।  साथ ही सुरक्षा अधिकारियों को आशंका है कि अपराधी तत्व पीएम के सुरक्षा घेरे को ड्रोन से तोड़ने की कोशिश कर सकते हैं। इसलिए पीएम की सुरक्षा को नजर अंदाज नहीं किया जा सकता है।