हाथी ने दो महिलाओं को कुचला, मौत, एक गंभीर

  • पूरी रात कई गांव में बरपा हाथियों का कहर, ग्रामीण दहशत में  

अम्बिकापुर

सूरजपुर वन परिक्षेत्र अंतर्गत लटोरी बीट के आसपास कई गांव में बीती रात हाथियों ने कहर बरपाते हुये दो महिलाओं की कुचल कर जान ले ली। वहीं एक व्यक्ति को गंभीर रूप से घायल कर दिया। घायल को जिला अस्पताल में दाखिल किया गया है। जहां वन विभाग के अधिकारी पहुंचकर उसे तत्कालिक रूप से 10 हजार रूपये की सहायता राशि प्रदान किये हैं। हाथी क्षेत्र के कई गांव में अभी भी विचरण कर रहे हैं, जिसे 4 से 5 गांव में अभी भी लोगों ने दहशत बनी हुई है।

गौरतलब है कि प्रतापपुर वन परिक्षेत्र में बीते दिनों 30 से 35 हाथियों का दल पहुंचा था। वहां से निकलने के बाद लगभग सभी हाथी दल से अलग हो चुके हैं। दो व तीन की संख्या में हाथी अलग-अलग गांव में कहर बरपा रहे हैं। दो दिन पहले ही सोनगरा क्षेत्र में दल से अलग हुये उन्हीं हाथियों द्वारा एक घर हो ढहा दिया गया था, जिससे दो महिलायें गंभीर रूप से घायल हो गई थी। वहीं हाथी आज तड़के जयनगर क्षेत्र के ग्राम मंजिरा, छबोलपारा पहुंचे। वहां छबोलपारा निवासी मोहरसाय पिता सिद्धनाथ उम्र 35 वर्ष अपने घर से कुछ दूर में लगाये गये फूलवारी की पहरेदारी करने गया था। फूलवारी में ही वह लेटा हुआ था। अचानक उसकी आंख खुली तो सिर के ऊपर ही हाथी को खड़ा देख वह हक्का-बक्का रह गया था। काफी देर तो वह हिला भी नहीं। जैसे ही मौका पाकर मोहरसाय वहां से भागने की कोशिश किया तो हाथी ने उसे अपने सूंड में लपेटकर पटक दिया। यह देख वहां फूलवारी में पानी डाल रहे उसके छोटे लड़के सुरेंद्र ने तत्काल परिजनों को इसकी जानकारी दी। गांव वालों के साथ परिजनों ने मौके पर पहुंचकर हाथी को खदेड़ा। हाथी वहां से निकलकर तड़के ही लटोरी बृजनगर पहुंचे, वहां एक 22 वर्षीय युवती को कुचल डाला, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। गांव वालों के खदेड़े जाने पर हाथी जयनगर क्षेत्र के ग्राम तुलसी पहुंचे, वहां लगभग 5 बजे मनमेत पति स्व. शिवशंकर रजवार उम्र 60 वर्ष शौच के लिये निकली थी। गांव के जंग साय के घर के पास हाथियों ने उसे सूंड में उठाकर पटक दिया। शोर होने पर गांव वालेे वहां पहुंचे और हाथियों को वहां से खदेड़ा। घायल मनमेत व मोहरसाय को जिला अस्पताल में लाकर दाखिल किया गया, जंहा मनमेत की मौत हो गई। गंभीर मोहरसाय का उपचार किया जा रहा है।

करौंधा पहुंचा हाथियों का दल
हाथियों का एक 5 सदस्यीय दल ग्राम करौंधा के सरना पारा में  आ पहुंचा, जिससे पूरे गांव सहित आसपास के क्षेत्र में दहशत का माहौल निर्मित है। ग्रामीण रतजगा करने मजबूर हो गये और वन विभाग की टीम के साथ मिलकर हाथियों को खदेडने में लग गये। हाथियों द्वारा खेत में लगे एक एकड़ में लगे धान व खीरा को चैपट कर दिया। बताया जा रहा है कि यह दल नया है। प्रतापपुर क्षेत्र में गत दिनों आंतक मचा रहा एक हाथी भी इस दल में शामिल हो गया है, जिससे ग्रामीण और दहशत में आ गये थे, लेकिन वन विभाग की टीम मौके पर पहंच कर ग्रामीणों को हाथियों से दूरी बनाकर रखने की समझाईश दी गई है। किसी प्रकार की जनहानि अभी तक नहीं होने की सूचना है।

कब तक जानवरों का शिकार होते रहेेंगे बेबश व निर्दोष ग्रामीण
सरगुजा संभाग में थोक के भाव में निर्दोष ग्रामीणों  का शिकार यहां जंगली जानवारों के द्वारा किये जाने की घटना आये दिन सामने आ रही है। कभी ग्रामीण भालू का शिकार हो रहे हैं तो कभी जंगली हाथी इन पर कहर बरपा रहा है। रोज हो रही इन बड़ी घटनाओं के बाद इस तरह की नसीहतों को लिखते-लिखते हम भी थक चुके हैं। अभी तक सरकारी अमले ने बेबश ग्रामीणों को इन जंगली जानवरों से बचाने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं किये हैं और न ही विशेष कार्य योजना बनाई गई है। हाथियों व भालुओं के हमले से हुई मौत व गंभीर ग्रामीणों को वन विभाग द्वारा दी जाने वाली मुआवजे की खबरों से गई हुई जिन्दगियां वापस नहीं लौटती। शासन को ऐसी कार्य योजना बनाने चाहिये कि इन निर्दोष ग्रामीणों को जंगली जानवरों से बचाया जा सके। आखिर कब तक सरगुजा संभाग मेें हाथियों व भालुओं के आंतक का शिकार ये ग्रामीण होते रहेंगे, यह कहना लाजिमी होगा कि अब तक वन विभाग की ओर से इस दिशा में किये गये कार्य विफल ही रहे हैं।