सुभाष चंद्र बोस की 123वीं जयंती आज.. राष्ट्रपति-उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने दी श्रद्धांजलि

नई दिल्ली. नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 123वीं जयंती पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कैबिनेट के कई मंत्रियों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी. राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि उनकी वीरता और देशभक्ति हमें प्रेरणा देती रहेगी. वहीं पीएम मोदी ने कहा कि भारत हमेशा नेताजी सुभाष चंद्र बोस का आभारी रहेगा.

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ट्वीट कर लिखा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर उन्हें मेरा नमन. वे हमारे सबसे लोकप्रिय राष्ट्रनायकों और स्वतंत्रता संग्राम के महानतम सेनानियों में से हैं. उनके कहने पर, लाखों भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में कूद पड़े और अपना सब कुछ बलिदान किया. उनकी वीरता और देशभक्ति हमें प्रेरणा देती रहेगी.

उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने गुरुवार को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 123वीं जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए.. कहा कि स्वाधीनता आंदोलन के आदर्शों का सम्मान करना ही नेताजी के प्रति कृतज्ञ श्रद्धांजलि होगी. उन्होंने ट्वीट किया कि आज नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की जयंती पर पुण्य स्मृति को कोटि-कोटि प्रणाम करता हूं..

नायडू ने अपने दक्षिण भारत दौरे का ज़िक्र करते हुए कहा कि गत सप्ताह अंडमान निकोबार द्वीपसमूह की यात्रा के दौरान, उस स्मारक के दर्शन का सौभाग्य मिला जहां 1943 में नेताजी तथा उनकी आज़ाद हिंद फौज ने भारत भूमि पर पहली बार आज़ादी का झंडा फहराया था. हमारी आजादी महान बलिदानों की विरासत है. अपने स्वाधीनता आंदोलन के आदर्शों का सम्मान न केवल हमारा संवैधानिक कर्तव्य है बल्कि नेताजी सुभाष चन्द्र बोस जैसे राष्ट्र नायकों के प्रति हमारी कृतज्ञ श्रद्धांजलि भी है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत सुभाष चंद्र बोस के साहस और उपनिवेशवाद के खिलाफ लड़ाई में उनके अमिट योगदान का हमेशा आभारी रहेगा..सुभाष चंद्र बोस को उनकी 123वीं जयंती पर श्रद्धांजलि देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि वह भारतीयों की उन्नति और कल्याण के लिए खड़े हुए.

मोदी ने नेताजी के नाम से पहचाने जाने वाले बोस का जिक्र करते हुए कहा कि 23 जनवरी 1897 को जानकीनाथ बोस ने अपनी डायरी में लिखा, दोपहर में बेटे का जन्म हुआ. यही बेटा साहसी स्वतंत्रता सेनानी और विचारक बना जिसने अपना जीवन भारत की स्वतंत्रता के लिए समर्पित कर दिया.