सार्वजनिक कार्यक्रमों लिए राज्य गीत का मानकीकरण.. 01 मिनट 15 सेकण्ड में गाया जाएगा “अरपा पैरी के धार महानदी हे अपार”

रायपुर. सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी आदेश के तहत सार्वजनिक कार्यक्रमों में गायन के लिए राज्य गीत “अरपा पैरी के धार महानदी हे अपार” का मानकीकरण करते हुए. इसकी अवधि 01 मिनट 15 सेकण्ड की गई है. सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा इसके पालन के संबंध में अध्यक्ष राजस्व मण्डल छत्तीसगढ़ बिलासपुर, समस्त विभागाध्यक्ष, समस्त संभागायुक्त और कलेक्टर को निर्देश जारी किए गए हैं.

गौरतलब है कि राज्य शासन द्वारा डाॅ. नरेन्द्र देव वर्मा द्वारा लिखित छत्तीसगढ़ी गीत ‘अरपा पैरी के धार, महानदी हे अपार’ को राज्य गीत घोषित किया गया है. राज्य गीत का गायन सभी शासकीय कार्यक्रमों के प्रारंभ में किए जाने का निर्देश भी जारी किया गया था. मंत्री परिषद में लिए निर्णय के अनुसार सार्वजनिक कार्यक्रमों में गायन के लिए राज्य गीत का मानकीकरण किया गया है, जो जनसम्पर्क एवं सामान्य प्रशासन विभाग की वेबसाइट www.dprcg.gov.in एवं http://gad.cg.gov.in/notice_display.aspx में अपलोड किया गया है।

  • मानकीकरण के पश्चात गाए जाने वाले राज्य गीत निम्नानुसार है –

‘‘अरपा पइरी के धार महानदी हे अपार,
इन्द्राबती ह पखारय तोर पइँया।
महूँ पाँव परँव तोर भुइँया,
जय हो जय हो छत्तिसगढ़ मइया।।
सोहय बिन्दिया सही घाते डोंगरी, पहार
चन्दा सुरूज बने तोर नयना,
सोनहा धाने के संग, लुगरा के हरियर रंग
तोर बोली जइसे सुघर मइना।
अँचरा तोरे डोलावय पुरवइया।।
(महूँ पाँव परँव तोर भुइँया, जय हो जय हो छत्तिसगढ़ मइया।।)