अमृत दूध पर डाक्टरो की शराबखोरी ….. वाह रे धरती के भगवान

जगदलपुर

छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में सरकार द्वारा बांटे जाने वाले अमृत दूध से 2 बच्चों की मौत हो गई और कुछ बच्चे अभी भी अस्पताल में भर्ती हैं। लेकिन बीजापुर के केतुलनार गाँव मे बच्चों की दूध से मौत की घटना भले ही बेहद दर्दनाक क्यो ना हो , लेकिन अस्पताल में भर्ती बच्चों के इलाज के लिए जगदलपुर से बीजापुर पंहुचे डाक्टरो की शराबखोरी ने कि शासन के नुमाईंदे इस संवदेनशील मसले मे कितने गंभीर है।

पीडित परिवार सदमे मे

लक्ष्मी बीजापुर के जंगल में बसे केतुलनार गाँव में अपने दो बच्चों के साथ रहती है। सोमवार को लक्ष्मी ने सरकार द्वारा बांटे जाने वाले अमृत दूध को अपने बच्चों को पिलाने आंगनबाड़ी केंद्र पहुंची थी। दूध पिलाने के बाद जब लक्ष्मी घर पहुंची तो ढाई साल की उसकी बेटी ने उल्टी करना शुरू कर दिया। चूँकि लक्ष्मी के पति की मौत पहले हो चुकी है इसलिए बेटी के इलाज के लिए वो समय से पहले अस्पताल नहीं पहुँच सकी। आखिरकार उसकी ढाई साल की बेटी ने दम तोड़ दिया। लक्ष्मी के 5 साल के बेटे का इलाज बीजापुर में चल रहा है। लक्ष्मी के बेटे के साथ उसके चाचा अस्पताल में हैं और लक्ष्मी अपने बेटे के ठीक होने का इंतज़ार कर रही है।

लक्ष्मी ही नही केतुलनार में ही रहने वाले समारू ने भी अपनी बेटी को खोया है। समारू की 5 साल की बेटी आरती भी अमृत दूध की शिकार हुई और इस दुनिया से ही चली गई। सोमवार को समारू की पत्नी अपनी बेटी को आंगनबाड़ी दूध पिलाने लेकर गई थी। आंगनबाड़ी से लौटते ही आरती को उल्टी और दस्त की शिकायत हो गई। आनन-फानन में उसका इलाज गाँव में ही किया गया लेकिन हालत नहीं सुधरी।  कुछ देर के बाद आरती ने भी दम तोड़ दिया।  आरती की माँ अब बच्ची की मौत के गम में कुछ बोल नहीं पा रही है। वहीँ बेटी के सदमे मे पिता केवल इतना बोल रहे है अब आऱती कंहा मिलेगी।

 

डाक्टरो की शराबखोरी

इधर छत्तीसगढ़ सरकार को जैसे ही इस घटना की खबर मिली थी,  मुख्य्मंत्री डॉ रमन सिंह ने आपात बैठक बुलाई।  दो मंत्रियों को हेलीकाप्टर से बीजापुर के लिए रवाना किया गया लेकिन वो बीजापुर नहीं पहंच सके और जगदलपुर से ही लौट गए। जगदलपुर सीएमओ डॉ डी के नाग के साथ एक डॉक्टर का दल बच्चों की देखरेख और इलाज के लिए बीजापुर भेजा गया। दिन भर इन डॉकटरों ने किसी भी तरह अपनी ड्यूटी की और रात होते ही पार्टी में मस्त हो गए। सरकारी विश्राम गृह में शराब का कार्टून आया और मुर्गा के साथ इनकी पार्टी शुरू हो गई। हालाँकि इस पार्टी में सीएमओ डॉ नाग शामिल नहीं थे लेकिन उनके बगल के कमरे में यह पार्टी रात करीब 1 बजे तक चलती रही। पार्टी शुरू होने से एक घंटे पहले तक बीजापुर कलेक्टर उसी विश्राम गृह में मौजूद थे। इतना ही नहीं रायपुर से आए महिला बाल विकास के संचालक तो रात भर उसी विश्राम गृह में ठहरे थे लेकिन वो इस पार्टी से बेखबर रहे।

कलेक्टर ने कहा होगी कार्यवाही

बच्चो की मौत पर शराब की पार्टी कहे या फिर अपने कर्तव्य से बेखर अधिकारियो की शराबखोरी की आदत ..  कुछ भी कहे लेकिन जगदलपुर के कलेक्टर अमित कटारिया इस मामले मे काफी शख्त नजर आ रहे है और डॉकटरों से विश्राम गृह मे शराब पीने के मामले में रिपोर्ट मांगने की बात कह रहे हैं।  इस मसले पर कलेक्टर अमित कटारिया ने कहा  है की जगदलपुर से एक डॉकटरों का दल बीजापुर भेजा गया था।  अगर डॉकटरों ने काम के दौरान शराब का सेवन किया है तो इसकी रिपोर्ट मांग कर कार्रवाई की जायेगी। कलेक्टर अमित कटारिया ने कहा है की बीजापुर कलेक्टर से बात कर इस पर आगे की कार्रवाई  की जायेगी।

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