विधानसभा चुनाव हारे कांग्रेस प्रत्याशी को लोकसभा में टिकिट देने से कार्यकर्ता नाराज…

  • 2003 सांरगढ़ विधानसभा चुनाव में था कांग्रेस से रवि भारद्वाज का था तीसरा स्थान

  • जांजगीर-चांपा। सांरगढ़ विधानसभा चुनाव 2003 में कांग्रेस से रवि भारद्वाज बसपा प्रत्याशी से बुरी तरह हार का सामना करना था। कांग्रेस पार्टी 2003 में सांरगढ़ विधानसभा चुनाव में तीसरा स्थान मेें था। कांग्रेस पार्टी बसपा से लगभग 6 हजार से ज्यादा वोटो से हार का सामना करना पड़ा था। 2003 सारंगढ़ विधानसभा चुनाव में बसपा प्रत्याशी कामदा जोल्हे कोे लगभग 32577 वोट मिले थें तो भाजपा से श्याम सुंदर को 24 419 वोट मिले थे। वही कांग्रेस से रवि भारद्वाज को तीसरा स्थान मिला था। 2019 लोकसभा चुनाव मे कांग्रेस पार्टी ने पिछले चुनाव में सबक सीखे बगैर फिर से बुरी तरह हारे हुए प्रत्याशी पर भरोसा किया हैं। विधानसभा चुनाव मे कांग्रेस की तीसरा स्थान मे लाने वाले प्रत्याशी रवि भारद्वाज इस बार जांजगीर चांपा लोकसभा से किस्मत आजमा रहे है। जांजगीर चांपा लोकसभा से भाजपा से गुहाराम अजगले तो बसपा से दाउराम रत्नाकर कांग्रेस प्रत्याशी रवि भारद्वाज को कड़ी टक्कर दे रहे है। इस बार यहां मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है। जांजगीर लोकसभा चुनाव मे कांग्रेस पार्टी के दर्जनो मजबूत दावेदारो की टिकिट काट कर पार्टी ने विधानसभा हारे प्रत्याशी पर भरोसा जताया है जिससे दावेदारी कर रहे कार्यकर्ता पार्टी के इस निर्णय से नाराज है। सभी दावेदार लंबे समय तक पार्टी के विचारो व अनुशासन मे रह कर पार्टी को मजबूत करने मे सालो से लगे हुए थे। लेकिन पार्टी एन वक्त पर सारे दावेदारो को दरकिनार कर रवि भारद्वाज का भरोसा किया है। वही कांग्रेस पार्टी सभी नाराज दावेदारो को बनाने मे लगी हैं । लेकिन पार्टी के निर्णय से असंतुष्ठ सभी इस बार खुल कर कुछ नही बोल रहे है लेकिन दबे जुबान से अंदर ही अंदर पार्टी से नाराजगीय जाहिर कर रहे हैं। जांजगीर चांपा लोकसभा मे दर्जनो दावेदार पार्टी के लिए ही अब मुसीबत बन कर सामने आ रहे हैं। पार्टी समय रहते इन असंतुष्ठो दावेदारो को नही मना लेती तब तक पार्टी को बड़ा नुकसान हो सकता हैं। नाम नही बताने के शर्त पर उनका कहना है की पार्टी के प्रति इमानदारी से काम करने का यही सजा मिलती हैं। अनुशासन एवं निष्ठा से काम करने वालो की पुछ परख नही होती है। और हारे हुए उम्मीदवार पर पार्टी भरोसा कर फिर से चुनाव मे टिकिट दे दी है।