लीजिए अब 33 लाख का बोरा घोटाला ….. मतलब भीगा तो सुखाए ही नही

बलरामपुर (कृष्ण कुमार) जिले में विपणन विभाग की बड़ी लापरवाही उजागर हुई है,धान खरीदी के लिए वर्ष 2014 -15 में खरीदे गए बारदाने अब अमानक साबित हो रहे है,और सड़े हुए बारदानों की रखवाली के लिए तीन चौकीदार नियुक्त किये गए है, वही विभागीय अधिकारी इस सम्बंध में कुछ भी बताने से बचते नजर आ रहे है।
गौरतलब है कि बलरामपुर जिले में वर्ष 2014-15 में धान खरीदी के लिए 33 लाख 72 हजार 750 रूपये के बारदाने खरीदे गए थे,और विभाग के लापरवाही के चलते रखरखाव के अभाव में बारिश से पूरी तरह से भीग चुके थे,जिन्हें सुखा कर उपयोग में लाया जा सकता था,लेकिन तत्कालीन विभागीय कर्मचारियों ने ऐसा नही किया,और ये बारदाने रखे रखे ही सड़ गए।

धान खरीदी में उपज जाती है,बारदाने की समस्या

वही धान खरीदी के सीजन में समर्थन मूल्य पर धान बेचने आये किसानो को बारदाने की कमी बताकर वापस लौटा दिया जाता है,जिसके चलते धान खरीदी केन्द्रो में धान उठाव की समस्या बनी रहती है,बावजूद इसके विभागीय अधिकारियो ने लाट के लाट पड़े 74950 बारदानों का उपयोग क्यों नही किया यह समझ से परे है।

समय रहते क्यो नही किया गया उपयोग,

जिले के रामानुजगंज कृषि उपज मण्डी में पड़े ये बारदाने अपनी हालत खुद ही बया कर रही है,जब ये बारदाने किसानो को बाटने के लिए यहाँ खरीदे गए थे,तब इन्हें क्यों नही बाटा गया यह सवाल उठना तो लाजमी है,वही क्षेत्रीय विधायक बृहस्पत सिंह ने आरोप लगाया है की ये बारदाने विभाग की लापरवाही से सड़ गए,और किसान धान खरीदी के सीजन में बारदाने की तलाश में भटकते रहे।

लग गया ना सरकारी खजाने को चुना,,

वही विपणन विभाग के जिम्मेदार अधिकारी अब अपनी कारगुजारियों को छिपाने अब कुछ भी बोलने बताने से कतरा रहे है,और इतनी बड़ी लापरवाही पर अब शासन स्तर पर लाखों रुपयों की वसूली अब किस्से होगी यह कह पाना थोड़ा मुश्किल है,लेकिन वर्तमान समय मे सड़ने के कगार पर आ पहुचे इन बारदानों की नीलामी करा दी जाए,तो कुछ हद तक राजस्व प्राप्ति तो होगी सकेगी।