ब्रेकिंग : साक्षरता मिशन में ई-एजुकेटर पद पर भर्ती का भंडाफोड़… चुनाव आचार संहिता में मिशन में फर्जीवाड़े का खेल अफसर कह रहे भर्ती …आचार संहिता में भर्ती समझ से परे…

 

जांजगीर-चांपा। संपूर्ण साक्षरता मिशन में ई-एजूकेटर के दो रिक्त पदों पर बेक डोर से गुपचुप तरीके से परीक्षा आयोजित कर भर्ती किए जाने का मामला सामने आया है। शनिवार की सुबह ११ बजे इसके लिए बाकायदा साक्षरता मिशन के कार्यालय में अभ्यर्थियों की परीक्षा ली जा रही थी। अफसर एक ओर कह रहे थे कि भर्ती नहीं है, वहीं दूसरी ओर परीक्षा का आयोजन कर चयन किया जा रहा था। दिलचस्प बात यह है कि इन दिनों चुनाव आचार संहिता लगा हुआ है वहीं अफसर खुलेआम आचार संहिता का उल्लंघन करते पाए गए। इसके लिए कुछ लोगों द्वारा कार्यालय में हंगामा किया गया। इसके बाद अफसर  चुपके से दफ्तर से नदारद हो गए। ऐसे में संपूर्ण साक्षरता मिशन के कार्यप्रणाली पर लोग सवाल खड़े कर रहे थे।
संपूर्ण साक्षरता मिशन के जिला परियोजना अधिकारी संतोष कश्यप के मुताबिक दो दिन पहले उनके राज्य कार्यालय से पत्र आया था कि उन्हें चांपा एवं जांजगीर केंद्र में ई-एजूकेटर के दो रिक्त पदों पर दो लोगों का नाम चयन कर राज्य कार्यालय में नाम भेजना है। आदेश को अमल करते हुए संतोष कश्यप अपने -अपने लोगों को टेलीफोन से कॉल कर साक्षरता मिशन के जिला कार्यालय बुलाकर उनकी परीक्षा ले रहे थे। उनका कहना था कि दो लोगों को यहां बुलाया गया था, लेकिन दो के बजाए ११ लोग यहां परीक्षा दिलाने आ गए इसलिए सभी अभ्यर्थियों को परीक्षा आयोजित कर उन्हें परीक्षा में बिठा दिया गया। परीक्षा में उन लोगों को परीक्षा में शामिल किया गया जो कामन सर्विस सेंटर के छात्र हैं। जबकि इस पद में पूर्व जिला कार्यक्रम समन्वयकों को शामिल कर उनमें से दो लोगों को चयन करना था। शनिवार को होने वाली इस परीक्षा की भनक जब पूर्व जिला कार्यक्रम समन्वयकों को लगी तब वे लोक शिक्षा के जिला कार्यालय पहुंचे और कार्यालय में हंगामा कर दिया। जब पूर्व जिला कार्यक्रम समन्वयकों ने मीडिया के सामने मुखर होकर अपनी पीड़ा बयां की तब संपूर्ण साक्षरता मिशन के जिला परियोजना अधिकारी संतोष कश्यप दफ्तर से भाग निकले। इस दौरान परीक्षा का आयोजन होता रहा।

अपने अपने लोगों को फोन पर बुलाया
पूर्व जिला कार्यक्रम समन्वयकों पुष्पा चंद्रा ने बताया कि दो दिन पहले उनके पास फोन आया था कि ई एजुकेटर पद पर भर्ती होना है। इसके लिए उन्हें तुरंत आवेदन करने कहा गया। जब वे कार्यालय आए तब पता चला कि जिला परियोजना अधिकारी द्वारा कामन सर्विस सेंटर वालों को तवज्जो देकर उन्हें परीक्षा में बिठा लिया गया। जबकि उन्हें पहले बताया गया था कि इस पद में भर्ती सिर्फ पूर्व जिला कार्यक्रम समन्वयकों को लिया जाना है, लेकिन जिला परियोजना अधिकारी द्वारा गुपचुप तरीके से परीक्षा आयोजित कर इस पद पर भर्ती किया जा रहा है।

५०-५० हजार रुपए लेकर भर्ती का आरोप
पुष्पा चंद्रा का आरोप है कि जिला परियोजना अधिकारी व लेखापाल सुनील पटेल के द्वारा इस पद में भर्ती के लिए अभ्यर्थियों से बाकायदा ५०-५० हजार रुपए लेकर भर्ती करने की योजना बनाई गई है। यही वजह है कि कामन सर्विस सेंटर वालों को गुपचुप तरीके से बुलाकर परीक्षा में बिठाया गया और उनमें दो लोगों का चयन पहले से किया जा चुका है। परीक्षा की केवल औपचारिकता निभाई जा रही है।
सीधी बात: संतोष कश्यप, जिला परियोजना अधिकारी संपूर्ण साक्षरता मिशन

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