प्रदेश के हर ब्लॉक में दो-दो अंग्रेजी माध्यम स्कूल के प्रस्ताव, प्रदेश भर में खुलेगें 292 स्कूल ….

 

 

 

रायपुर  प्रदेश के सरकारी स्कूलों में अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई का प्रस्ताव वित्त विभाग में अटक गया है। 16 जून से नया सत्र शुरू हो रहा है, लेकिन अभी तक अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाई करवाने के लिए शिक्षकों को कोई ट्रेनिंग नहीं दी गई है। प्रदेश के हर ब्लॉक में दो-दो अंग्रेजी माध्यम स्कूल के प्रस्ताव के मुताबिक 292 स्कूल खुलने हैं। ऐसे में तीन महीने पहले जिलों से स्कूलों के नाम और जानकारी भेजने के बाद भी अंतिम रूप से कौन से स्कूल अंग्रेजी माध्यम में संचालित होंगे, विभाग इसका निर्णय नहीं ले पा रहा है। अंग्रेजी में ए, बी , सी और डी की पढ़ाई पहली कक्षा और छठवीं कक्षा से शुरू कराने की तैयारी है। गौरतलब है कि प्रदेश के 35 हजार प्राइमरी-मिडिल स्कूलों में 37 लाख बच्चे अध्ययनरत हैं। 292 स्कूलों में अंग्रेजी माध्यम स्कूल खुलने से करीब पांच हजार विद्यार्थियों को फायदा होगा।

सरकारी योजनाओं को समय पर अमलीजामा पहनाने में शिक्षा विभाग के अफसर फेल हो रहे हैं। आखिरकार सरकार का उतना ही बजट खर्च होता है इसके बाद भी समय पर प्रतिफल नहीं मिलने से पालकों को खामियाजा भुगतना पड़ता है। अभी तक यह तय नहीं हो पाया कि अंग्रेजी माध्यम स्कूल कौन सा होगा। इसके लिए शिक्षक किस तरह नियुक्त होंगे। शिक्षकों को पहली बार अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाना है तो उनको ट्रेनिंग कब दी जाएगी। हालांकि एससीईआरटी ने ट्रेनिंग देने का प्लान बनाया है, लेकिन वह भी पढ़ाई शुरू होने के बाद जुलाई-अगस्त तक चलेगा। प्रदेश में लगातार निजी स्कूलों की तर्ज पर अंग्रेजी माध्यम स्कूल की मांग की जा रही है। पिछले आठ सालों में सात लाख से अधिक नामांकन दर में गिरावट रिकार्ड की गई। इसके बाद स्कूल शिक्षा विभाग के अफसर हरकत में आए। अब उम्मीद है कि अंग्रेजी माध्यम स्कूल खुलने से इन स्कूलों में नामांकन दर भी बढ़ेगा। सरकारी अफसरों की लापरवाही के चलते स्कूल शिक्षा विभाग में पिछले वर्षों में किये गए कई प्रयोग असफल हो चुके हैं। इसके बाद सरकारी स्कूलों में सीबीएसई कोर्स शुरू किए गए थे। बेहतर मॉनिटरिंग नहीं होने की वजह से यह प्रयोग सफल नहीं हो पाया। इसी तरह मॉडल स्कूल खोले गए। यहां भी अंग्रेजी माध्यम की पढ़ाई करवाने में विभाग असफल रहा है। अब सरकार के नए ड्रीम प्रोजेक्ट में हर ब्लॉक के सरकारी स्कूल को अंग्रेजी माध्यम में करने की योजना भी लापरवाही की भेट चढ़ने की कगार पर है।