नामांकन के पहले दिन दानिश रफीक पहुंचे जिला निर्वाचन कार्यालय . अम्बिकापुर की चुनावी सरगर्मी बढी.

अम्बिकापुर जनता कांग्रेस छत्तीसगढ(जे) के युवा विंग के प्रदेश अध्यक्ष दानिश रफीक अपनी साथी पार्टी बसपा के लोकसभा प्रभारी अनिल कुरील के साथ आज जिला निर्वाचन कार्यालय पहुंचे. इधर छत्तीसगढ मे दूसरे चरण के मतदान के लिए आज से शुरु नामांकन के पहले दिन दानिश रफीक के जिला निर्वाचन कार्यालय पहुंचने से राजनैतिक सरगर्मी तेज हो गई है. गौरतलब है कि दानिश रफीक जेसीसी से अम्बिकापुर विधानसभा के प्रबल दावेदार थे. और आज नामांकन के पहले दिन ही दानिश रफीक का अपने सहयोगी बसपा के लोकसभा प्रभारी अनिल कुरील के साथ जिला निर्वाचन कार्यालय पहुंचने के बाद राजनीति मे नई चर्चा को जन्म दे दिया है.

दानिश रफीक जेसीसी का वो चेहरा है. जिनकी दावेदारी से पिछले दिनों कांग्रेस और भाजपा दोनो दलो मे खलबली मच गई थी. लेकिन बदले समीकरण मे दानिश रफीक को प्रदेश अध्यक्ष बना कर ये सीट बसपा के खाते मे दे दी गई थी. पर नामांकन के पहले दिन ही दानिश रफीक का जिला निर्वाचन कार्यालय पहुंचने के कारण फिर से नए समीकरण की संभावना बनती दिख रही है. क्योकि बसपा ने अभी तक अम्बिकापुर से अपना प्रत्याशी घोषित नही किया है. ऐसे मे दानिश रफीक के चुनाव लडने की अटकलो और चर्चाओ का बाजार गर्म हो गया है. हांलाकि मिली जानकारी के मुताबिक दानिश रफीक , बसपा के लोकसभा प्रभारी अनिल कुरील के साथ फार्म भरने की प्रकिया और फार्म के साथ संलग्न किए जाने वाले दस्तावेज की पूंछताछ के लिए जिला निर्वाचन कार्यालय पहुंचे थे. उस वक्त उनके साथ कई अन्य बसपा और जेसीसीस कार्यकर्ता और पदाधिकारी मौजूद थे.

जब ऋचा जोगी तो दानिश क्यो नहीं

गौर करने वाली बात है कि जेसीसी, बसपा और सीपीआई गठबंधन के बाद खुद जनता कांग्रेस छत्तीसगढ के सुप्रीमो अजीत जोगी की बहु रिचा जोगी भी अकलतरा विधानसभा सीट बसपा की सीट से चुनाव लड रही हैं. ऐसे मे इस बात से इंकार नही किया जा सकता है कि अगर बसपा को अम्बिकापुर विधानसभा से बेहतर उम्मीदवार नही मिलता है. तो फिर दानिश रफीक गठबंधन का विकल्प बन सकते हैं. हांलाकि ये फैसला तीन दलो के गठबंधन और कोर कमेटी का है. जिसकी पत्ते अभी उन्होने नहीं खोले हैं ।