धान उठाव के लिए प्रशासन ने अपनाया जबरिया तरीका..ट्रको पर जबरन कार्यवाही कर उठवा रहे धान..!

अम्बिकापुर “निलय त्रिपाठी” बतौली क्षेत्र के आदिम जाति सहकारी धान खरीदी केंद्रों में  व्यापक मात्रा में पड़े धान के उठाव के लिए प्रशासन ने अब पूरी ताकत लगा दी है ।खरीदी केंद्रों से संग्रहण केंद्रों तक परिवहन कराने के लिए मार्कफेड  द्वारा तय किए गए दर को बेहद कम बता कर ट्रक मालिकों ने धान का उठाव अभी तक नहीं किया था। लिहाजा रोज़ाना धान सूखने से समिति को हो रहे नुकसान से बचाने और समय पर मिलिंग कराने के लिए प्रशासन ने अब चौतरफा तैयारियां शुरू कर दी है ।मंगलवार को बतौली बगीचा चौक पर सुबह छह बजे से तहसीलदार और पुलिस की टीम  20 से ज्यादा ट्रकों को रोक कर धान के उठाव की व्यवस्था बनाने में लगी रही।
बतौली जनपद क्षेत्र में बतौली सहित सेदम और बटईकेला के आदिम जाति सहकारी समितियों के खरीदी केंद्रों में धान की खरीदी किसानों से शासन द्वारा तय दरों पर की जाती है ।खरीदी केंद्रों से सीतापुर चलता स्थित संग्रहण केंद्र तक परिवहन कराने की व्यवस्था भी मार्कफेड द्वारा तय परिवहन दर के अनुसार कराया जाता है ।इस वर्ष ट्रक मालिकों ने परिवहन दर कम बता कर धान का उठाव समय पर नहीं किया ।इस वजह से धान उठाव की विकराल समस्या प्रशासन के सामने खड़ी हो गई ।पिछले दिनों सरगुजा कलेक्टर के कड़े निर्देश के बाद अब स्थानीय स्तर पर प्रशासन  ने धान उठाव की व्यवस्था सुनिश्चित करने पूरी ताकत लगा दी है। 4 से 5 दिनों में खरीदी केंद्रों में जमा धान का आकलन किया गया था । बेमौसम की बारिश में धान के व्यापक मात्रा में गीले हो जाने का भय भी सता रहा है।इसके अलावा बाहर पड़े धान के लगातार सूखने से भी समिति को रोजाना नुकसान झेलना पड़ रहा है।इस तरह तमाम समस्याओं के मद्देनजर अब धान उठाव के लिए प्रशासन ने पूरी व्यवस्थाएं शुरू कर दी है ।मंगलवार को 20 से ज्यादा ट्रकों की व्यवस्था करने के लिए प्रभारी तहसीलदार रवि भोजवानी और बतौली पुलिस की टीम बगीचा चौक पर आने जाने वाले ट्रकों को रोककर व्यवस्था बनाती रही ।इस संबंध में प्रभारी तहसीलदार ने बताया कि लगभग 43000 क्विंटल धान का उठाव तीनों धान खरीदी केंद्रों से किया जाना है ।इसलिए मंगलवार को कम से कम 20 ट्रकों के इंतजाम के निर्देश मिले हैं ।ट्रकों को बकायदा निर्धारित किराया भी दिया जाएगा ।इसके अलावा प्रशासन अन्य खर्चों की व्यवस्था बनाने में भी जुटा हुआ है। मंगलवार को ट्रकों की व्यवस्था बनाने के दौरान काफी देर तक बतौली बगीचा चौक पर गहमागहमी मची रही। धान के संबंध में समय पर कस्टम मिलिंग कराने की मंशा भी शासन की है इसलिए परिवहन कराने समस्त प्रक्रियाएं प्रभावकारी तरीके से संपन्न की जा रही है ।
परिवहन व्यवस्था कराने अभी और करने होंगे प्रयास
          बतौली के तीनों खरीदी केंद्रों में मंगलवार को जाम पड़े धान की मात्रा कुल 43000 क्विंटल बताई जा रही है ।अनुमान के अनुसार एक ट्रक में 200 क्विंटल धान का परिवहन कराया जा सकता है ।इस तरह कुल 215 बार खरीदी केंद्रों से संग्रहण केंद्रों तक परिवहन कराया जाना आवश्यक होगा या इतने ही ट्रकों की आवश्यकता पड़ सकती है। खरीदी केंद्रों से संग्रहण केंद्र तक परिवहन कराने के दौरान ट्रक मालिकों को बकायदा शासन स्तर से किराया भी दिया जा रहा है ।
कम परिवहन दर बनी समस्या की वजह
बतौली चौक पर मंगलवार को कुछ ट्रक मालिकों ने बताया कि  मार्कफेड ने टेंडर के आधार पर अत्यंत कम दर परिवहन कराने हेतु प्रति क्विंटल आधार पर तय किये हैं।इस बार तय दर 17 रुपए प्रति क्विंटल है।  बतौली से एक ट्रक धान अर्थात 200 क्विंटल धान सीतापुर ले जाने पर कुल 34 सौ रुपए ही प्राप्त होते है जो काफी कम है  क्योंकि इसमें 10 रु प्रति क्विंटल तो मजदूरी और अन्य खर्च पड़ जाते हैं ।कुल 7 रु प्रति क्विंटल आय के रूप में प्राप्त हो रही थी जिससे परिवहन कराना संभव नहीं हो रहा था ।ट्रक मालिकों ने बताया कि बीते वर्ष 32 रुपए प्रति क्विंटल दर तय किया गया था जो वाजिब था। ट्रक मालिकों ने यह भी बताया कि ट्रक परिवहन कराने के बाद भुगतान की समस्या भी वर्षों से बनी हुई है ।संबंधित विभाग द्वारा 5 से 6 महीने के बाद ही भुगतान प्राप्त होता है लेकिन हमें परिवहन कराने के बाद मजदूरों के भुगतान के साथ डीजल का भुगतान फौरन करना पड़ता है। ऐसे में अत्यंत कम दर पर परिवहन कराने से ना तो कोई आय प्राप्त हो रही है अलबत्ता फौरन होने वाले खर्चे वहन करने पड़ रहे हैं।