नाबालिग मजदूरों से भरी ट्रेक्टर पलटी, दो की मौत… 13 घायल

अम्बिकापुर 

सरगुजा जिले के दरिमा कुनियाकला मे आज एक सडक हादसे मे दो महिला श्रमिक की मौत हो गई है, वही इस हादसे मे 13 महिला श्रमिक गंभीर रुप से घायल हो गई है। जानकारी के मुताबिक हादसा उस वक्त हुआ जब अमेराढाप गांव मे चल रहे नहर के काम मे लगी महिला श्रमिक को कार्य पूर्ण होने के बाद ट्रेक्टर द्वारा दूसरे जगह काम के लिए ले जाया जा रहा था। गौरतलब है कि घटना मे घायल और मृतक सभी महिला श्रमिक नाबालिग है।

हादसो के गढ बनते जा रहे सरगुजा मे आज एक दर्दनाक सडक हादसे मे रामकुमार और दशमेत नाम की दो महिला श्रमिको की मौत हो गई है। वही दुर्घटनाग्रस्त ट्रेक्टर मे सवार 13 बालिका श्रमिक घायल हो गई है । जिनको इलाज के लिए अम्बिकापुर जिला अस्पताल मे भर्ती कराया गया है ।  हादसे मे घायल किशोरी श्रमिक सोमारी की माने तो अमेराढाप से नहर ढलाई का काम करने के बाद जैसे ही कुनियाकला गांव के पगडंडी कच्चे रास्ते मे पंहुची तो ट्रेक्टर अनियंत्रित पलट गई है।

दरिमा थाना क्षेत्र के रकेली की रहने वाली सभी घायल महिला श्रमिको को दुर्घटना के बाद स्थानिय लोगो की मदद से घटना के कुछ समय बाद इलाज के लिए अम्बिकापुर जिला अस्पताल लाया गया , जंहा घायलो की इलाज जारी है,, darima accident 1हांलाकि घायलो का इलाज कर रहे डाँ जे.के.भुटानी के मुताबिक घटना मे घायल सभी किशोरी  श्रमिक की हालत खतरे से बाहर  है। इधर दो नाबालिग श्रमिको की मौत के बाद उनके गांव रकेली मे मातम पसरा है तो वही घटना की सूचना पर घायलो के परिजन जिला अस्पताल मे अपनी बच्चियो की सलामती की दुआ मांग रही है। बहरहाल इस हादसे मे इस बात का भी पता चल गया है कि निर्माण कार्य मे लगे ठेकेदार ग्रामीण क्षेत्रो की नाबालिग महिला श्रमिको का किस तरह शोषण कर रहे है,,, और ऐसे मे उस ठेकेदार के खिलाफ भी कार्यवाही होनी चाहिए जो निर्माण कार्यो मे नाबालिग श्रमिको से काम करवा रहे है।

मौके पर पर पंहुचे दरिमा थाना प्रभारी सतीश सोनवानी से मिली जानकारी के मुताबिक दुर्घटनाग्रस्त ट्रेक्टर मैनपाट के किसी व्यक्ति है ,जिसमे ना तो रजिस्ट्रेशन नंबर है और नही ही ट्रेक्टर के कोई अन्य दस्तावेज है। इधर नहर के पुलिया निर्माण के जिस काम मे ये नाबालिग श्रमिक लगी हुई थी उसके ठेकेदार का नाम सुरेश गुप्ता बताया जा रहा है। हांलाकि हादसा ड्रायवर की लापरवाही से हुआ । लेकिन हादसे के बाद जिस तरह नाबालिग लडकियो से मजदूरी कराने की बात सामने आ रही है। उस लिहाज से ठेकेदार और ट्रेक्टर मालिक दोनो घटना के दोषी है। लेकिन देखना है कि इस बडे हादसे के बाद प्रशासन ठेकेदार या संबधित अधिकारियो पर कोई कार्यवाही करता है या फिर हादसेे मे घायलो को मुआवजा और सहानभूति तक बात सीमित रहती है।

श्रम विभाग की नाकामी उजागर

ग्रामीण अंचलों में पुल पुलिया, स्टाप डेम सहित अन्य निर्माण कार्यों में किस तरह से बाल मजदूरों से काम लिया जा रहा है, यह इस घटना से साबित होता है। श्रम विभाग की नाकामी दिनो दिन उजागर होती जा रही है। शहर के होटलों, टेंट हाउसों आदि में तो बच्चे काम करते दिखते ही हैं किन्तु उन्हें बाल श्रम से आजाद कराने न तो कोई जनप्रतिनिधि आगे आता है और न ही प्रशासन। इस दुर्घटना में नाबालिग मजदूर की मौत और एक दर्जन नाबालिग बालिकाओं के घायल होने  से बाल श्रम का एक कड़वा सच सामने आया है।