टेक्स चोरो की अब खैर नहीं, AIB ने की बड़ी कार्यवाही..!

शहडोल
वाणिज्य कर की चोरी कर व्यवसाय करने वाले कथित व्यापारियों के खिलाफ बीते दिवस विभाग के एनटी इवेजन ब्यूरो जबलपुर की टीम ने बड़ी कार्यवाही की। वाहनों के  जांच के दौरान उडऩदस्ते के मुखिया एस.पी. रावत के नेतृत्व में शहडोल-बुढ़ार मार्ग पर दो वाहनों को पकड़ा गया, जिसमें बड़ी मात्रा में राजश्री गुटखा पाया गया, इसके साथ ही अनूपपुर जिले के जैतहरी में सीमेंट से लदी एक गाड़ी को दस्तावेजों की जांच के दौरान कर चोरी के आरोप में पकड़ा गया। वाणिज्य कर अधिकारी नितिश ब्वॉज के सहयोग से एस.पी. रावत द्वारा की गई उक्त कार्यवाही से वाणिज्य कर की चोरी में लगे व्यापारियों में हड़कंप की स्थिति व्याप्त है।
यह मिला जांच के दौरान 
शहडोल जिले में वाणिज्यकर जबलपुर के एनटी इवेजन ब्यूरो की टीम द्वारा की गई इस बड़ी कार्यवाही से कर चोरी के व्यवसाय में संलग्न कारोबारियो की नींदे उड़ी हुई है। विभाग द्वारा मिली जानकारी के अनुसार बुढ़ार में पकड़े गई टाटा एस वाहन क्रमांक एमपी 18 एल 0181 जिसके वाहन मालिक घनश्यामदास गनवानी, चपरा क्वाटर शहडोल एवं छत्तीसगढ़ से रायपुर- शहडोल ट्रांसपोर्ट के मार्फत यहां आ रही ट्रक क्रमांक सीजी 10 एडी 1757 श्रीमत संध्या साहू बिलासपुर की बताई गई है, हालाकि यह ट्रक कथित ट्रांसपोर्ट द्वारा वाहन मालिक से भाड़े पर ली गई थी, जिसमें बड़ी मात्रा में राजश्री गुटखा लदा हुआ पाया गया। जिसके दस्तावेजों की जांच टीम के मुखिया एस.पी. रावत द्वारा की गई। जांच के दौरान समय देने के बाद भी कथित वाहन मालिक द्वारा दस्तावेज उपलब्ध नहीं करवाये गये, जिससे कर चोरी करना पाया गया। दोनों वाहनों को बुढ़ार थाने में खड़ा करवाया गया। इसी के साथ जैतहरी में जांच के दौरान सीजी 16  ए 2493 क्रमांक का वाहन पकड़ा गया, जो मनेन्द्रगढ़ के सायरा बानो की बताई गई है, हालाकि यह ट्रक भी किसी अन्य फर्म द्वारा मंगाये गये सीमेंट जो ट्रांसपोर्ट के माध्यम से भेजा जा रहा था, जिसमें बड़ी मात्रा में बिना दस्तावेजों के सीमेंट लदा पाया गया।
11 लाख 81 7,94 की शासन को आय 
एनटी इवेजन ब्यूरो जबलपुर के एस.पी. रावत द्वारा की गई कार्यवाही के दौरान दस्तावेज न मिलने पर राजश्री से लदे दो वाहन जिनमें शहडोल की कथित टाटा एस वाहन के खिलाफ 6 लाख 8 हजार 844 रूपये सीजी 10 एडी 1757 से 5 लाख 61 हजार 250 तथा सीमेंट से लदे वाहन से 52 हजार 200 रूपये की राशि का दण्ड आरोपित किया गया। विभाग द्वारा लगाये गये जुर्माने का कथित आरोपियों द्वारा चालान भी जमा कर दिया गया।