कांग्रेस पार्टी करेगी बूथ रिपोर्ट के आधार पर प्रत्याशीयों नाम तय ‘‘वक्त है बदलाव का‘‘ यह बदलाव प्रत्याशी चयन में भी होगा लागू….

रायपुर। छत्तीसगढ़ में 14 साल से राजनीतिक वनवास काट रही कांग्रेस इस बार पुरानी गलतियों से सबक लेकर नई नीतियों पर गंभीरता से काम करने में जुटी है। इस बार प्रत्याशी चयन में पार्टी के बड़े नेताओं की नहीं चलेगी बल्कि बूथों की रिपोर्ट के आधार पर नाम तय किए जाएंगे। पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी ने छत्तीसगढ़ समेत तीन राज्यों के चुनाव से पहले पार्टी को स्लोगन .वक्त है बदलाव का दिया है। यह बदलाव प्रत्याशी चयन में भी लागू होगा। इसी कारण पार्टी के प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया ने मंगलवार को राज्य की पांचों चुनाव समितियों के अध्यक्षों के साथ दो घंटे तक बैठक की। जिसमें दो टूक कहा कि किसी भी दावेदार का बायोडाटा कोई भी बड़ा नेता सीधे न ले। प्रत्याशी चयन की प्रक्रिया नीचे से शुरू होगी। अगर कोई नेता सीधे किसी दावेदार का बायोडाटा प्रदेश कांग्रेस कमेटी या चुनाव समिति के सामने रखेगा तो उसका नाम तत्काल निरस्त कर दिया जाएगा।

15 अगस्त तक जारी होगी प्रत्याशियों की पहली सूची

राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने 15 अगस्त तक प्रत्याशियों की पहली सूची की घोषणा करने का आश्वासन पहले ही दे रखा है। पुनिया ने कहा कि पोलिंग बूथ कमेटी मजबूत दावेदार का बायोडाटा सेक्टर कमेटी को देगी। सेक्टर कमेटी उसका परीक्षण करेगी और अपने मत या संशोधन के साथ सूची जोन कमेटी को देगी।

इसी तरह जोन कमेटी से ब्लॉक कमेटी और उसके बाद जिला कमेटी से होकर प्रदेश कमेटी तक दावेदारों का बायोडाटा पहुंचेगा। पुनिया ने कहा इससे जो सूची प्रदेश कमेटी को मिलेगी वह फिल्टर हो चुकी होगी। प्रदेश कमेटी उस सूची पर विचार करके प्रदेश चुनाव अभियान समिति के सामने रखेगी। चुनाव अभियान समिति अपने सर्वे और फीडबैक के आधार पर सूची को संशोधित कर सकती है। उसके बाद सूची यहां से पार्टी हाईकमान को भेज दी जाएगी।

पुरानी नहीं नई बात होगी

कांग्रेस नेताओं के मुताबिक पिछले चुनाव के पहले यहां से भेजी गई सूची में शुरू के 22 नाम निर्वतमान विधायकों के थे स्क्रीनिंग कमेटी ने इन्हें टिकट नहीं देने की अनुसंशा की थी। पहला नाम पार्टी के वरिष्ठ नेता का था वे नाराज हो गए थे। इसके बाद हाईकमान ने विधायकों का नाम नहीं काटा था। नतीजा यह हुआ कि जिन 22 तत्कालीन विधायकों को टिकट नहीं देने की अनुशंसा हुई थी उन्हें टिकट मिला और वह चुनाव हार गए। पुनिया का कहना है कि इस बार पुरानी नहीं नई बात होगी। नई स्क्रीनिंग कमेटी है जो खुद भी यहां सर्वे कराएगी। इस बार कमेटी की अनुशंसा को गंभीरता से लिया जाएगा। ऐसा हुआ तो पहली बार कांग्रेस के कई वियकों का टिकट कट सकता है।