अमेरा खदान में करोड़ों रूपये का कोयला जलकर खाक

बडी लापरवाही

  • प्रबंधन की नींद नहीं खुली तो और भी हो सकता है नुकसान

अम्बिकापुर (लखनपुर)

अमेरा खुली खदान के क्षेत्र क्रमांक 4 में भंडारित विशाल कोयले की ढेर में पखवाड़े भर से लगी आग से प्रबंध्र की आंखे के सामने लाखों टन कीमती कोयला जलकर राख हो गया है। आगजनी से एसईसीएल को करोड़ों रूपये की क्षति हुई है। आग का दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है। एसइसीएल प्रबंधन मार्च-अप्रैल में कोल उत्पादन दिखाने के प्रयास में उठाव से अधिक कोयला उत्पादन करने के कारण एसईसीएल प्रबंधन को करोड़ों का चूना लग गया।

लखनुर क्षेत्र के अमेरा खुली खदान में विगत 15 दिनों से विशाल भंडारित कोयला के क्षेत्र क्रमांक 4 में आगे लगी हुई है, जिससे क्षेत्र क्रमांक 4 में लगभग लाखों टन कोयला जलकर राख में तब्दील हो चुका है, जिससे एसईसीएल को करोड़ों का राजस्व की क्षति होने की संभावना व्यक्त की जा रही है। वहीं प्रबंधन द्वारा आग बुझाने के लिये साधारण पानी टेंकर से पानी डालकर खानापूर्ति की जा रही है। जबकि अमेरा खुली खदान के प्रबंधन द्वारा भंडारित कोयले में लगी आग को बुझाने के लिये तकनीकी रूप से पूर्व में व्यवस्था बनाई गई होती तो लाखों टन कोयला आग से जलकर राख में तब्दील नहीं हुआ होता। अभी भी प्रबंधक द्वारा खान बचाव के सारे संसाधन नकाम दिखाई दे रही है तथा देख-रेख सुरक्षा मरम्मत केे नाम पर व्यय कागजी साबित हो रहा है। प्रबंधक द्वारा मार्च माह में उत्पादन अधिक रिकार्ड करने के लिये अत्याधिक कोयले का उत्पादन किया गया, जबकि कोयले का उठाव उत्पादन से महज नाम मात्र का हुआ, जिससे स्पष्ट होता है कि एसईसीएल प्रबंधन के लापरवाही के कारण करोड़ों का लाखों टन कोयला जलकर राख में तब्दील हो गये हैं। अब भी आग की लपटे दूसरे भंडारित कोयलेे में फैल रही है। एसईसीएल द्वारा पानी टैंकर एवं अग्रिशामक यंत्र को खदान के क्षेत्र क्रमांक 4 जहां आग लगी है, उससे काफी दूर खड़ा करके रखा गया है।

अमेरा कॉलरी प्रबंधन की मनमानी, लापरवाही से क्षेत्र के लेाग आज भी मूल-भूत सुविधाओं से वंचित हैं एवं उसमेें असंतोष व्याप्त है। कोयले की ढेर में लगी आग वाले क्षेत्र में दिन में अमेरा कालरी का कोई भी सुरक्षा गार्ड, कर्मचारी नहीं रहते हैं। शाम को महज खानापूर्ति के लिये थोड़ा बहुत पानी डाल वापस चले जाते हैं, जिससे रात में आग और उग्र रूप ले लेता है। एसईसीएल प्रबंधक इसी तरह सोती रही तो अभी और भी करोड़ों रूपये का कोयला जलकर राख होने की संभावना है। इस संबंध में अमेरा खुली खदान के सब एरिया मैनेजर से पूछे जाने पर बताया गया कि कोयले में लगी आग को बुझाने का प्रयास किया जा रहा है और अभी गर्मी होने के कारण कोयले में आग लगती ही रहती है।