रामदयाल उइके के घर वापसी पर छजका सुप्रीमो ने दी अपनी प्रतिक्रिया..तो गोंगपा – कांग्रेस गठबन्धन की अटकलें हुई तेज…

बिलासपुर.. शायद हमारी पार्टी में वे जैसी जगह चाह रहे थे..वो उन्हें नही मिल सकती थी..इसलिए भाजपा में गए होंगे..यह कहना था रामदयाल उइके के करीबी और छजका सुप्रीमो अजित जोगी के…

दरसल प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले सियासी हलचल तेज हो गई है..वही आज सुबह कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष रहे रामदयाल उइके ने पार्टी नेतृत्व पर उपेक्षा का आरोप लगाते हुए भाजपा का दामन थाम लिया है..रामदयाल उइके ने वर्ष 1998 में भाजपा से मरवाही विधानसभा चुनाव लड़ा था. और वर्ष 2000 में छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद वे कांग्रेस में शामिल हो गए थे..उन्होंने राज्य के प्रथम मुख्यमंत्री अजीत जोगी के लिए साल 2000 में ही अपने पद से इस्तीफा दिया था.. जिसके बाद मरवाही सीट पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस की टिकट पर अजित जोगी चुनाव लड़कर विधानसभा पहुँचे थे…

बता दे की रामदयाल उइके छजका सुप्रीमो अजित जोगी के करीबी माने जाते थे..और रामदयाल उइके के भाजपा में वापस जाने पर ..छजका सुप्रीमो ने अपनी प्रतिक्रिया दी है..उनका कहना था की कांग्रेस ने उन्हें(रामदयाल उइके को)पद तो दिया पर वे लगातार उपेक्षित रहे..बीते कुछ दिनों वे व्यथित भी थे..और छजका में वे जो जगह चाह रहे थे..उन्हें मिलनी मुश्किल थी..इसलिए वे भाजपा में चले गये..

वही सूत्रों के हवाले से मिल रही खबरों के मुताबिक वर्तमान में पालीतानाखर सीट से विधायक रामदयाल की टिकट लगभग कटने वाली थी..और कांग्रेस गोंगपा (गोंडवाना गणतंत्र पार्टी) से गठबंधन कर पालीतानाखार की सीट गोंगपा को देने वाली थी..और इस सीट से गोंगपा के हीरासिंह मरकाम चुनाव लड़ने के इच्छुक थे..

इसके अलावा रामदयाल उइके के भाजपा में जानेके बाद यह भी कयाश लगाए जा रहे है की.. उन्हें मरवाही सीट जो उनकी पुरानी सीट रही है..वहाँ से चुनाव मैदान में उतार सकती है..और इस सीट से रामदयाल के चुनाव लड़ने से छजका को नुकसान भी हो सकता है..