Delhi Assembly Election, Delhi Chunav BJP CM: दिल्ली चुनाव में भाजपा को स्पष्ट बहुमत मिलता दिख रहा है। जैसे ही एग्जिट पोल सच होते दिखे, भाजपा के खेमे में अगला सीएम कौन, की चर्चा तेज हो गई। हां, यह सवाल इसलिए अहम है क्योंकि भाजपा ने बिना सीएम फेस के चुनाव लड़ा था। क्या पिछले चुनावों को देखते हुए भाजपा हाईकमान नया चेहरा लाकर चौंकाएगा या चिर परिचित चेहरों को ही मौका दिया जाएगा। भाजपा की तरफ से मुख्यमंत्री पद के टॉप दावेदारों में दलित नेता दुष्यंत गौतम, पूर्व मुख्यमंत्री के बेटे परवेश वर्मा और भाजपा के वरिष्ठ नेता विजेंद्र गुप्ता शामिल हैं।
भाजपा के लिए सीएम का नाम चुनना इतना आसान नहीं है। इस कतार में कई नेता खड़े हैं। भाजपा के नेता 10 बजे के बाद से कहने लगे थे कि सीएम पोस्ट को लेकर फैसला पार्टी आलाकमान करेगा। आइए जानते हैं ऐसे 8 नामों के बारे में जो, दिल्ली के अगले मुख्यमंत्री बनने की रेस में हैं।
1. परवेश वर्मा (प्रवेश वर्मा)
दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा के बेटे हैं। नई दिल्ली सीट से आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल को हराने के चलते वह सीएम पोस्ट के प्रबल दावेदार बन गए हैं। जी हां, प्रवेश नई दिल्ली सीट से जीत गए हैं। दिल्ली चुनाव का यह सबसे चौंकाने वाला रिजल्ट है। उनकी जाट पृष्ठभूमि उन्हें सीएम पोस्ट के और करीब ले जाती है। हलचल तेज हो गई है। खबर है कि प्रवेश वर्मा नतीजे आते ही गृह मंत्री अमित शाह से मिलने पहुंच गए। सियासी गलियारे में उनके नाम की चर्चा तेज हो गई है।
2. दुष्यंत गौतम
दिल्ली के मुख्यमंत्री पद के लिए भाजपा के शीर्ष उम्मीदवार हैं। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव और दलित चेहरा होने के कारण प्रबल उम्मीदवार माने जा रहे हैं। वह करोल बाग आरक्षित सीट से आप के तीन बार के विधायक विशेष रवि के खिलाफ चुनाव में उतरे थे। गौतम ने राज्यसभा सांसद के रूप में भी कार्य किया है और छात्र राजनीति से सक्रिय रहे हैं। 2008 और 2013 में कोंडली से हार के बावजूद उन्हें एक मजबूत दावेदार बनाता है।
3. विजेंदर गुप्ता
दिल्ली में AAP के प्रभुत्व के बावजूद इन्होंने 2015 और 2020 दोनों चुनावों में रोहिणी सीट जीती। दिल्ली भाजपा के पूर्व अध्यक्ष हैं और इन्होंने दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता के रूप में अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज कराई है। आप की चुनावी लहर के खिलाफ उनका अनुभव और लचीलापन उन्हें शीर्ष पद के लिए मजबूत दावेदार बनाता है। इसी तरह, दिल्ली भाजपा के पूर्व प्रमुख और एनडीएमसी के पूर्व उपाध्यक्ष सतीश उपाध्याय भी रेस में बताए जा रहे हैं।
4. महिला मुख्यमंत्री बनी तो
अगर भाजपा आलाकमान महिला मुख्यमंत्री पर मुहर लगाता है तो दो बड़े नाम आगे होंगे- रेखा गुप्ता और शिखा राय। एमसीडी की पूर्व पार्षद और दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ की अध्यक्ष रेखा शालीमार बाग से चुनाव लड़ी हैं. 2020 में वह मामूली अंतर से हार गई थीं। उधर, शिखा राय ग्रेटर कैलाश से आप के सौरभ भारद्वाज के खिलाफ चुनाव मैदान में उतरी थीं।
5. सिख चेहरा
भाजपा के पास सिख सीएम का भी विकल्प है। पार्टी में एक महत्वपूर्ण सिख चेहरा मनजिंदर सिंह सिरसा हैं, जो राजौरी गार्डन से चुनाव लड़े। वह दो बार इस सीट से जीत चुके हैं। एक बार भाजपा के सहयोगी अकाली दल के टिकट पर वह जीते थे। अकाली दल प्रमुख सुखबीर बादल के पूर्व करीबी सहयोगी सिरसा ने सिख समुदाय तक भाजपा की पहुंच में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उनकी राष्ट्रीय छवि है और वह दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन समिति के अध्यक्ष रहे हैं।
6. रविंदर सिंह नेगी
इन्होंने पटपड़गंज से चुनाव लड़ा है। इससे पहले वह AAP के मनीष सिसोदिया से मामूली अंतर से हार गए थे। उत्तराखंड से आने वाले नेगी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का करीबी और विश्वासपात्र माना जाता है। उनकी सीट पर पूर्वांचल मतदाता अहम भूमिका निभाते हैं।
7. भाजपा नया चेहरा लाई तो…
कभी आप के नेता रहे कपिल मिश्रा अब भाजपा के प्रमुख हिंदुत्व चेहरा हैं। वह सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते है। एक समय वह केजरीवाल के मंत्रिमंडल में मंत्री रहे थे, लेकिन अब भाजपा के दिल्ली उपाध्यक्ष हैं और करावल नगर से चुनाव लड़े। आम आदमी पार्टी के खिलाफ आक्रामक रुख और मजबूत हिंदुत्व अपील उन्हें संभावित सीएम उम्मीदवार बनाती है।
8. एक विकल्प यह भी
दिल्ली के पूर्व मंत्री कैलाश गहलोत बिजवासन से चुनाव लड़े हैं। वह भाजपा में शामिल होने से पहले आप के टिकट पर दो बार नजफगढ़ से जीते थे। एक मंत्री के रूप में उनका अनुभव उन्हें एक महत्वपूर्ण पद के लिए दावेदार बना सकता है।
अब तय भाजपा को करना है कि वह सीएम चुनते समय किस पहलू को ज्यादा तवज्जो देती है। अनुभव, हिंदुत्व चेहरा, संघ से कनेक्शन, नया चेहरा, महिला या फिर भाजपा कोई प्रयोग करना चाहेगी, जल्द ही तस्वीर साफ हो जाएगी।
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